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केरल में मॉक पोल के दौरान बीजेपी को अतिरिक्त वोट मिलने की सुप्रीम कोर्ट ने दिये जांच के आदेश

 18 Apr 2024

केरल में मॉक पोल के दौरान बीजेपी को ईवीएम से अतिरिक्त वोट मिलने का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने इस मामले पर चुनाव आयोग को जांच के निर्देश दिए। हालाँकि चुनाव आयोग ने इस ख़बर को ग़लत बताया है


क्या है मामला

गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में केरल के कासरगोड निर्वाचन क्षेत्र में ईवीएम पर किए गए मॉक पोल के संबंध में शिकायतों का ज़िक्र किया। उन्होंने मनोरमा ऑनलाइन द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट का हवाला दिया। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार प्रशांत भूषण ने कहा कि लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट(यूडीएफ) दोनों ने जिला कलेक्टर को शिकायत दी कि कम से कम चार ईवीएम ने भाजपा के पक्ष में अतिरिक्त वोट दर्ज कर दिए।

मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया कि मॉक पोलिंग के दौरान भाजपा के कमल को अतिरिक्त वोट मिल रहे थे और कांग्रेस का हाथ चिन्ह वोटिंग मशीनों पर अन्य चिन्हों से छोटा था। रिपोर्ट में बताया गया कि मॉक पोल के पहले दौर में सभी 190 ईवीएम का परीक्षण 10 विकल्पों में से प्रत्येक के सामने वोट डालकर किया गया जिसमें भाजपा का चुनाव चिन्ह कमल पहला विकल्प था। एक साथ 20 मशीनों का परीक्षण किया गया। जब ईवीएम पर सभी 10 विकल्पों को एक-एक कर दबाया गया, तो वीवीपैट ने चार मशीनों में भाजपा को दो वोट दिए। बूथ एजेंट ने दावा किया था कि बीजेपी के चुनाव चिन्ह को न दबाये जाने के बाद भी वोट भाजपा को जा रहा था।

केरल की कासरगोड सीट से एलडीएफ प्रत्याशी एम वी बालाकृष्णन ने गड़बड़ियों की जाँच करने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी को शिकायत की थी। यूडीएफ उम्मीदवार राजमोहन उन्नीथन के एजेंट मोहम्मद नसर चेरकलम अब्दुल्ला ने निर्वाचन क्षेत्र के सहायक रिटर्निंग ऑफिसर से खराब मशीनों को बदलने लिए कहा था।